सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

प्रदर्शित

होली के बहाने

होली वो त्यौहार है जिस पर सबसे ज़्यादा गीत फ़िल्मों में बने हैं। जहां दूसरे सभी त्यौहारों की प्रतीकात्मक उपयोगिता सीमित है वहीं होली को कई तरह की भावनाओं के लिए उपयोग किया जा सकता है। प्रेमी - प्रेमिका की छेड़ - छाड़ तो है ही सबसे ऊपर पर इस त्यौहार को हम असल ज़िंदगी में भी कई तरह की भावनाओं का रेचन करते देखते हैं, होली प्यार के इजहार का मौका देती है तो कुंठा प्रदर्शित करने का भी और होली दिल के दर्द का प्रतीक भी हो सकती है। रंगों के बीच बेरंग होना सबसे अच्छा कंट्रास्ट पैदा करता है। अफ़सोस की बात ये है कि आधुनिकता के फैलते जाने के साथ संगीत खोखला होता गया और आज तो हाल ये है कि जैसे आज के फिल्मकारों, संगीतकारों को पता ही नहीं है कि होली नाम का कोई त्यौहार भी होता है। पिछले 30 सालों में होली का कोई ऐसा गीत नहीं बना जिसे यादगार कहा जा सके। आज भी होली के दिन वही 10 गाने हर तरफ़ सुनाई देते हैं जो हम अपनी पैदाइश के समय से सुनते आए हैं और हमेशा अच्छे ही लगते हैं और लगते रहेंगे, होली के कारण नहीं बल्कि musicality के कारण। एक गीत ज़रूर पिछले कुछ बरसों से जुड़ा है – “बलम पिचकारी जो तूने मुझे मारी”,

हाल ही की पोस्ट

Merry Christmas - कहानी एक रात की

महारानी 3 - न्याय या बदला

बर्लिन उर्फ़ दिलजले

ए सिंपल मर्डर - just awesome

12वीं फ़ैल - इसे क्यों नहीं 200 करोड़ में शामिल करते भाई?

खुफ़िया - कई परतों में कही गई कहानी

The Railway Men - A gem from YRF

पिप्पा - टैंक जो पानी पर चला पर परदे पर नहीं

दो मासूम फ़िल्में - रघु रोमियो, चमन बहार

सिनेमा सिटीजन केन के बहाने