चंपू की खुशी



चंपू बहुत ही खुश था। उसके परधान मंतरी के दो साल पूरे हो गए थे और भगवान इसका जश्न मना रहे थे। शायद उन्हें यक़ीन नहीं था कि पूरे हो जाएंगे। चंपू खूब नारे लगाया, जी-जान से लगाया। कार्यक्रम खत्म हुआ, चंपू खुस था कि 68 सालों बाद देश में कुछ हो रहा है वरना तो सुई भी नहीं बन रही थी। अपनी बाइक वो नो पार्किंग में लगा आया था। बाइक 2014 के पहले की खरीदी हुई थी, जो कपड़े पहने थे वो भी उसके पहले के थे। बाइक उठाते ही ठुल्ले ने दबोच लिया। बहुत मिन्नतें कीं, पी यम की दुहाई दी पर पट्ठा ना पिघला, 100 का नोट लेकर ही माना कि वहाँ नो पार्किंग नहीं थी। थोड़ी आगे चला तो गाड़ी बंद, पेट्रोल 50-50 रू का ही डलवाता है सो खत्म हो गया। बहुत दूर तक धक्का मारते ले गया। ठुल्ले को गालियाँ दीं, पेट्रोल पंप को दीं, माँ बहनों का बुरा हाल कर दिया। जैसे तैसे पेट्रोल पंप पर पहुँचा तो देखा पेट्रोल के दाम फिर बढ़ गए, बुरी तरह झुँझलाया। प्रेशर कुकर सी हालत हो गई, सरकार की बुराई नहीं कर सकता लेकिन इस बार -बार की बढ़ोतरी का जिम्मेदार किसे ठहराए? 100 रू पहले ही जा चुके थे फिर भी 50 का पेट्रोल डलवाया और फिर पी यम की जय बोलकर आगे बढ़ा। थोड़ी ही आगे चला होगा कि घर से फोन आ गया, चंपू मेहमान आए हैं 1 किलो दाल ले आना। वो जल-भुनकर खाक हो गया। इतनी महँगाई में भी मेहमानों को कोई शर्म नहीं। दुकान पर पहुँचा तो पता चला दाल 200 रू किलो हो गई। बेहोश होते-होते बचा और दुकानदार के गले पड़ गया कि परधान मंतरी इतना काम कर रहे और तुम कालाबाजारी करते हो? दुकानदार ने महँगाई का दुखड़ा रोया तो उसकी ऐसी तैसी कर दी उसे खान्ग्रेसी और कम्यूनिस्ट साबित किया क्योंकि अभी-अभी पी यम ने बताया था कि महँगाई उन्होंने समाप्त कर दी है फिर उसने एक की बजाय आधा किलो दाल ली, वो भी उधार। घर पहुंचा तो माँ ने बताया नाली चोक है कईं दिनों से सफाई करने वाला नहीं आया। वो माँ से भी उलझ लिया कि अभी पी यम बोले हैं भारत स्वच्छ हो गया, मेरी माँ भी खान्ग्रेसी हो गई?? माँ ने दो चनकट लगाए तब थोड़ी सुध आई।
घर से निकला और देखा कोई पी यम के कार्यक्रम की बुराई कर रहा था बस अब बर्दाश्त के बाहर हो गया, उस खान्ग्रेसी के खानदान में जितनी महिलाएं थीं उन्हें एक करके भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना की, उसे दो चार लगाकर पाकिस्तान जाने की नसीहत भी दी और अच्छे दिन आ चुके हैं की घोषणा करते हुए नाली की शिकायत करने चल दिया इस डर के साथ कि दरोगा फिर सौ का नोट माँगेगा।
भारत माता की जय।

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