पेश
है “सास बहु और फ़्लमिंगो” के डाइरेक्टर साहब के मन की बात। डाइरेक्टर साहब बात कर लें
उसके बाद अंत में मैं अपनी टिप्पणी दूँगा।
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Hello Friends, I am Homi, not Bhabha, but adjaniya. मैं एक हॉलीवुड लैवल का
डाइरेक्टर हूँ, जो बदकिस्मती से इंडिया में पैदा हो गया। मुझे एक
सिरीज़ के लिए कहानी चाहिए थी, मुझे बड़ी एक्साइटिंग कहानी मिली - एक औरत और उसकी
बहुएँ एक नशीली दवा का धंधा करते हैं, जिसका नाम है फ्लेमिंगो। उनका गाँव
बार्डर पर है, राजस्थान में। बहुओं की ननद ये ड्रग बनाती है। बढ़िया लगा मुझे कान्सैप्ट, it’s डिफ़्रेंट मैन।
मैंने राजस्थान के फोटो
देखे हैं, it’s
pretty exotic मैन। मैं जोधपुर, उदयपुर गया भी हूँ, ब्यूटीफूल हवेली रेसोर्ट्स यू नो? पर मैंने हमेशा देखा
है कि वहाँ की औरतों को साड़ी में, घाघरे में ही दिखाते हैं,
why मैन? As
यू नो,
मैं हॉलीवुड लेवेल का हूँ, मै ऐसा नहीं कर सकता। हाउ backward? हाँ, सास ठीक है क्योंकि ओल्ड जेनेरेशन है। पर बहू तो
शॉर्ट्स वगैरह, सेक्सी आउटफिट पहन सकती हैं? गाँव है तो क्या हुआ?
तो मैंने शुरू किया। मुझे opening
बहुत एक्साइटिंग चाहिए थी यू नो,
मैंने हॉलीवुड बहुत देखा है, यहाँ तो मेक अप उस लैवल का होता ही नहीं है,
मैंने सोचा मैं करूंगा वैसा। मैंने पहला ही सीन ऑस्कर विनिंग बनाया,
कुक्कू शारदा मेरा दोस्त है, उसके कैरक्टर को तलवार से कटते दिखाया चेहरे के
बीच से। वाह, क्या सीन बना था। फिर मैंने सोचा बहू drugs बेचने city में जाती है। लोगों ने कहा मुझे कि इतना बड़ा ग्रुप
चला रहे हैं, बेचने के लिए लोग होंगे,
नौकर होंगे? पर ये सब assholes
हैं। अगर बहुओं को गाँव में
दिखाऊँगा तो क्या दिखाऊँगा? यू नो, आजकल तो हॉलीवुड में lesbian बहुत चल रहा है। हमारे यहाँ ये taboo है, but they exist मैन। मैंने कहा एक बहू लेसबियन्म होनी चाहिए,
और पहले ही एपिसोड में उसका सीन होना चाहिए। एलिट क्लास वा वा करेगा। मैंने मस्त
क्लब का सीन बनाया, जहां बहू की गर्ल फ्रेंड डीजे है। है न आउट ऑफ द
बॉक्स?
बहू वापस अपने घर जाती है,
तो obviously गाँव वाले कपड़े पहन लेगी। अब लोग कह रहे थे कि
लैड्ग्वेज राजस्थानी लहजे में होनी चाहिए, आई सेड why
मैन?
आजकल सब लोग अङ्ग्रेज़ी जानते हैं, गाँव गाँव में। वॉट? मैंने गाँव देखा है?
अरे नहीं यार...मैं बॉम्बे में बोर्न हुआ, कभी किसी गाँव जाने का मौका नहीं मिला but it’s न्यू एरा मैन, सब लोग अङ्ग्रेज़ी जानते हैं,
हाँ सास ओल्ड generation है सो उसके डाइलॉग राजस्थानी टाइप हो सकते हैं पर
बहूज यू नो? They
are new जेनेरेशन। दे काँट स्पीक शिट
राजस्थानी, और मुझे भी नहीं पता वो कैसे बोलते हैं।
अच्छा एक बात तो भूल ही
गया। सास की जो बेटी है ना, वो बिलकुल आज के जमाने की है,
कहानी गाँव की है तो क्या? लड़की मॉडर्न नहीं हो सकती क्या?
तो वो बढ़िया 3डी ग्लास लगाकर पॉर्न देखते हुए गाँव के किसी भी लड़के को उठाकर उसके साथ
यू नो? ही ही ही ही । see that is another taboo, अरे गाँव की लड़की की इच्छा नहीं होती क्या?
बहुएँ भी कम नहीं हैं हैं?
वुमन ऑन टॉप मेरा favourite है, और हॉलीवुड वाले तो बहुत दिखाते हैं,
मैंने ये रिऐलिटि भी हर एपिसोड में दिखाई है। मुझे realistic स्टोरी
ही पसंद है।
अच्छा ये जो बहुओं के पति
हैं न दोनों यूएस में जॉब करते हैं। अब यूएस में जॉब करते हैं तो इंग्लिश ही
बोलेंगे ना? अँड यू नो, मेरी मजबूरी है जो हिन्दी में बनाना पड़ रहा है,
वरना तो मैं पैदा ही हॉलीवुड के लिए हुआ हूँ, सो ये दोनों तो अङ्ग्रेज़ी ही बोलेंगे,
दारू पिएंगे, F करेंगे। अच्छा कोई होशियार पूछा मेरे को कि बेटों को
विदेस भेज के सास बहुओं से ड्रग्स का धंधा क्यों करवाती है?
अरे, यार बहू होंगी तो ही तो स्पाइस आएगा ना?
बहुओं से बढ़िया फाइट भी करवाई है मैंने....एकदम हॉलीवुड जैसी।
तो ऐसे ही सब करके मैंने
सिरीज़ बनाई है ब्रो। अच्छा, मेरे contacts
हैं यहाँ ब्रो,
तो नसीरुद्दीन शाह भी मुझे मना नहीं कर सकता, मैंने अपनी बहुत सारी फिल्मों में उसे लेकर उसके
कैरियर की सबसे अच्छी फिल्में उसे दी हैं यू नो लाइक "finding Fanny"।
ड्रग्स,
सेक्स, violence, इंग्लिश, लेसबियन, दारू...क्या नहीं है मेरी सिरीज़ में जो किसी बेस्ट
स्टोरी में होना चाहिए? हैं ना ब्रो? तो देखो ना...
होमी जी ने अपने मन की बात
बोल दी। अब मेरे मन की बात – इसकी तो #$@#%$
Sorry, फॅमिली चैनल है तो कहूँगा इन साहब ने आज तक एक ढंग
की फ़िल्म नहीं बनाई है। इनकी "फ़ाइंडिंग फेनी" देखकर मैंने literally अपने बाल नोच लिए थे। contacts
अच्छे हैं तो प्रोड्यूसर भी मिल जाते
हैं और बड़े एक्टर भी। न तो इस सिरीज़ का कोई सिर है न ही पैर। सिर्फ सेक्स,
violence, ड्रग्स, लेसबियन, दारू, इस सबके लिए बनाई गई है। कोई राजस्थानी लहजे में बात
कर रहा तो कोई हिन्दी में...जिसका जब मन आए बीच बीच में एकाध लाइन गाँव वाले लहजे में
बोल देता है। कौन से गाँव में ऐसे alien
रहते हैं?
वो भी राजस्थान में? जहां आज भी पिछड़ी जाति के दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने
दिया जाता? आज भी सास और बहु में सर पर पल्ला न लेने का झगड़ा होता है। निर्देशक मन की भड़ास निकाल रहा है बस। इन लोगों ने
गाँव देखा तो क्या सुना भी नहीं होगा। इन्हें गाँव का मतलब बस इतना ही पता है कि एक
हवेली होगी, औरतें घाघरा चोली पहनी होंगी,
आदमी धोती पहनता होगा।
“इन्हीं लोगों ने ले लीना दुपट्टा
मेरा”, आई मीन फ़िल्म इंडस्ट्री इन्हीं लोगों के चंगुल में है। कैसे बनेगा
अच्छा कंटैंट भाई?
मैंने दो ही एपिसोड देखे जितने में अपने भाई "कुणाल शर्मा" थे। कुणाल मित्र है इसलिए नहीं कह रहा, पर स्क्रीन presence भाई का वाकई बहुत अच्छा है। डिंपल कपाड़िया के साथ फाइट सीन है। डिंपल तो मंझी हुई अदाकारा हैं, नसीर साहब की एंट्री हुई नहीं अब तक। दीपक डोबरियाल का गेट अप अलग ही है, पहले तो मैं पहचान ही नहीं पाया। बहुओं ने ओवर एक्टिंग की है। reviews अच्छे लिखवाये गए हैं , सितारे बटोर कर लुभा रहे हैं। पैसा हो तो review भी लिखवाये जा सकते हैं।
हॉलीवुड
की नकल करना चाहते हैं और बॉलीवुड भी ढंग से नहीं बना पा रहे। अरे कहानी के लिए तो
loyal रहो
यार, कुछ भी कहीं भी डाल दिया, ऐसे थोड़ी होता है मेरे भाई। न हो तो कुछ
दिन भेस बदल कर गाँव में रह आते। पर नहीं, मेहनत ही करनी होती तो क्या बात थी।
इन शॉर्ट गंद मचा दी है स्क्रीन पर।
ख़ैर!
#saasbahuaurflamingo
#hotstar #dimplekapadia #naseeruddinshah
कहानी और स्क्रीन प्ले ढंग से लिखे जाते और सीक्वेंसेस सही रखे जाते और साथ में एक-एक हफ़्ता राजस्थान गुजरात गुजार लेता तो शायद खोपड़ी की एकाध खिड़की खुल जाती।
जवाब देंहटाएंसमझ में नहीं आया कीकू शारदा की ऐसे आधे अधूरे सीन करने की क्या मजबूरी थी।
ठेठ उजाड़ गांव में बीएमडब्ल्यू मर्सिडीज वोल्वो ।
सोलर पैनल्स के बीच ख़ुफ़िया ढ़क्कन रास्ते जहां से कोई भी ऐरा गैरा घुस जाए।
माल बकरियों के पेट में !
जो मन में आया बना डाला, उसके लिए कहानी इंपोर्टेंट नहीं थी। खुद फ्लेमिंगो ले के बना रहा था।
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