ब्लू वेलेंटाइन - बिगड़ते रिश्तों की कहानी

 


average फ़िल्म है। हालांकि रिलीज़ के वक़्त समीक्षकों ने सराहा था। फ़िल्म हाइपर realistic है। कहानी एक कपल के बारे में है जिनकी शादी मुसीबतों से गुज़र रही है।
डीन और सिंडी ने शादी की थी 5 सालों पहले जब सिंडी pregnant थी और उसे पता था कि बच्चा उसके पहले बॉय फ्रेंड का है, ये जानते हुए भी डीन उससे शादी करता है। डीन को शराब की लत है और वो पुताई का काम करता है। उसके जीवन में कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, वो इतने में खुश है, जबकि सिंडी चाहती है वो कोई अच्छा काम करे। इसी बात को लेकर तनाव है। सिंडी का दिल डीन से उठता जाता है। डीन हर संभव कोशिश करता है उसे ख़ुश रखने की, सिवाय कोई महत्वाकांक्षा पालने के। उसका कहना है कि मेरी महत्वाकांक्षा मेरा परिवार ही है, मैं उसके साथ समय बिताता हूँ, मुझे और कुछ नहीं चाहिए। इसी बेजान रिश्ते को अंदर तक एक्सप्लोर करती है फ़िल्म।
आज के वक़्त में दिमाग को ट्विस्ट्स की आदत पड़ गई है, ऐसे में कभी-कभी फ़िल्म बोरिंग लगने लगती है। मुझे समझ नहीं आया कि निर्देशक ने बहुत ज़्यादा extreme क्लोज़ अप्स क्यों use किए? इसका ज़्यादा इस्तेमाल irritate करता है।

दोनों के बीच के तनाव में मुझे डीन का पक्ष ज़्यादा मजबूत लगा, वो निस्वार्थ है जबकि सिंडी मुझे स्वार्थी लगी।

ठीक ठाक फ़िल्म है। इस तरह की फिल्में अगर देखते हैं तो देख सकते हैं, hotstar पर उपलब्ध है।

#BlueValentine #Hollywood

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