बंजर ज़मीन पर कविता को नवंबर 03, 2011 लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप अरसे से बंजर पड़ी मन की ज़मीन पर आज अचानक कुछ शब्दों के बीज पड़ गए देखें शायद कोई कविता उग आए... टिप्पणियाँ
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