टब्बर - अपने परिवार के लिए सभी हदें पार करता ओंकार सिंह

 



एक बात के लिए तो मैं खुद की पीठ थपथपा सकता हूँ, मेरी नज़रें पैदाइशी पारखी हैं। फौजी में शाहरुख को देखा तो उस लड़के का चार्म मैं भांप गया था, फिर जब उसकी पहली फिल्म दीवानाका गीत पहली बार चित्रहार में देखा तो इतना खुश हुआ मैं, जितना वो खुद नहीं हुआ होगा। ऐसे ही टीवी धारावाहिक चाणक्यमें सेनापति के किरदार में जिस एक्टर को देखा वो मुझे बहुत ही अच्छा लगा। मुझे लगा गजब एक्टर है ये बंदा...वो बंदा आगे चलकर इरफान ख़ान बना। महेश भट्ट के धारावाहिक स्वाभिमानमें इतने कलाकारों के बीच मुझे एक बंदे ने बहुत, बहुत प्रभावित किया था जबकि उसका रोल कोई बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण भी नहीं था। मुझे आज भी उसका वो गेट अप याद है। उसे उस जमाने में कोई नहीं जानता था, जिसे बाद में दुनिया मनोज बाजपई के नाम से जानती है।

ऐसे ही एक और अभिनेता हैं जिन्हें उस जमाने से मैं मानता आया हूँ। हालाँकि समय उनका देर से आया लेकिन आख़िर जो मुझे उस वक़्त लगा था, वो अब सभी को लगता है कि वे एक बेहतरीन अभिनेता है। पहली बार उन्हें देखा था टीवी धारावाहिक नुक्कड़ में, फिर सर्कस, फिर एक और प्रेम कहानी थी जिसका नाम मैं भूल गया। मुझे पवन मल्होत्रा के अभिनय में गहराई और स्वाभाविकता नज़र आती थी। 

इन्हीं पवन मल्होत्रा के अकेले के कंधों पर सवार है सिरीज़ टब्बर। इस सिरीज़ का ज़्यादा कहीं ज़िक्र नहीं हुआ पर ये विनर है। एक बार आप देखना शुरू करें, फिर अपने आप को रोक नहीं सकते। रोमांच वाला genre भी विकसित होते-होते अब realistic हो चला है। ये एक थ्रिलर है पर बिलकुल स्वाभाविक है। जिस तरह कॉमेडी में situational कॉमेडी होती है, वैसे ही थ्रिलर में ये situational थ्रिलर है। एक व्यक्ति अपने परिवार पर आँच न आने देने के लिए किस हद तक जा सकता है, या कितनी हदें पार कर सकता है? ओंकार सिंह जितनी तो शायद नहीं ही कर सकता।

ओंकार सिंह एक रिटायर्ड पुलिस अफसर है। घर में पत्नी और दो बेटे हैं। ओंकार सिंह ईमानदार रहा है और इसीलिए पैसा नहीं है उसके पास। उसका अपना बड़ा भाई भी पुलिस अफसर था पर उसके पास अच्छा-खासा पैसा है। भतीजा लकी भी पुलिस में है जबकि उसका अपना बड़ा बेटा आईएएस की पढ़ाई कर रहा है और छोटा एक youtuber है। एक दिन बड़ा बेटा दिल्ली से घर आता है। वो गलती से किसी और का बैग उठा लाता है जो बिलकुल उसके बैग जैसा ही दिखता है। ये बैग किसीएक बड़े नेता के भाई महीप का है। महीप अपना बैग लेने उसके घर आता है पर बैग में से एक चीज़ गायब है जो बहुत कीमती है। महीप वो चीज़ वापस माँगता है जबकि किसी को पता नहीं कि वो कहाँ गई। महीप बंदूक तान देता है और फिर...कुछ ऐसा होता है जो पूरे परिवार का जीवन उलट-पुलट कर देता है। न सिर्फ इस परिवार का, बल्कि इसके संपर्क में आने वाले हर आदमी का।

कहानी इससे ज़्यादा नहीं बताऊंगा पर कसी हुई कहानीअगर कहना हो तो यही उसका उदाहरण है। ओंकार सिंह ऐसे-ऐसे काम करता है जो न हम सोच सकते हैं न वो ख़ुद। बदकिस्मती कहिए या कुदरत, वो हर एक कदम जो वो बचाव के लिए उठाता है, उसे और गहरे फंसा देता है, पर वो क्या नहीं करता अपने परिवार के लिए। अंत में उसके हाथ क्या रहता है क्या नहीं, क्या वो कुदरत का न्याय था? पता नहीं, पर अंत में वो ऐसा कदम उठता है जो कोई सोच भी नहीं सकता।

अभिनय के मामले में पवन मल्होत्रा के क्या ही कहने। एक-एक, महीन से महीन भाव को अपने चेहरे, आँखों और शरीर में उतार लिया है। पवन मल्होत्रा कहीं है ही नहीं, आप ओंकार सिंह को ही देखते हैं। उनका इतनी ही बेहतरीन अदायगी से साथ दिया है सुप्रिया पाठक ने, जो उनकी पत्नी बनी हैं। जाने क्यों सुप्रिया पाठक को उतने अवसर नहीं मिले जितनी उनकी प्रतिभा थी। वे एक बेमिसाल अभिनेत्री हैं, ये तस्दीक करनी हो तो एक तरफ आप खिचड़ी द मूवीमें उनका परफॉर्मेंस देखिये और दूसरी तरफ टब्बरमें। 180 डिग्री पर हैं दोनों performances। इन दोनों के अलावा जो बड़ा नाम सिरीज़ में है वो है, रणवीर शौरी। महीप का बड़ा भाई जो अगले चुनाव की तैयारी कर रहा है। जो अपने मुँह से ज़्यादा शब्द खर्च नहीं करता लेकिन उसका व्यक्तित्व डर पैदा करता है। कंवलजीत सिंह लंबे अरसे के बाद दिखाई दिये हैं। वेब सिरीज़ का ये फायदा तो हुआ है कि भूले-बिसरे कलाकारों को भी अवसर मिलने लगे हैं। एक वक़्त था जब कंवलजीत टीवी के स्टार थे। फिर वक़्त बदल गया और वे लगभग गुमनाम ही हो गए। हालाँकि सिरीज़ में उनका किरदार स्पष्ट नहीं है। वो कौन हैं, क्या हैं, क्यों हैं, ये सब जवाब शायद अगले सीज़न में मिले, अगर अगला सीज़न बने तो। वैसे कहानी इसी सीज़न में पूरी हो जाती है। इनके अलावा भी सभी ने अपने-अपने किरदार बखूबी निभाए हैं। बैक्ग्राउण्ड म्यूजिक का ज़िक्र करना ज़रूरी है, क्योंकि म्यूजिक अच्छा बना है। वो कहानी के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देता है। ये संगीत दिया है स्नेहा खानविलकर ने, वही गंग्स ऑफ वस्सेयपुर वाली।

सिरीज़ सोनी लिव पर उपलब्ध है, और telegram पर भी। ज़रूर देखिये और यहाँ कमेंट करिए।

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