फ्रॉम - सीज़न 3 का इंतज़ार

 


आपके पास एक कहानी है। कहानी का आदि, मध्य और अंत आपने सोचा हुआ है। अब इस कहानी को आपको एक सिरीज़ के रूप में कहना है, वो भी दो या तीन सीज़न में। हर सीज़न में 10 एपिसोड होंगे।

बहुत बड़ा चैलेंज है कहानी को इतने विस्तार में लिखना और वो भी इस तरह कि ज़रा देर भी दर्शक का attention कम न हो क्योंकि ज़रा ध्यान उसका भटका कि उसने चैनल बदला। इस पैमाने पर सब खरे नहीं उतरते, बहुत कम सिरीज़ होती हैं जो 100% खरी उतरती हैं।

“From” ऐसी ही एक सिरीज़ है। मैंने यूं ही बस देखना शुरू किया था पर सच बताऊँ तो पहला ही सीन इस तरह बनाया गया है कि मैं बंध गया। जबकि उस सीन में कुछ नहीं था, एक कस्बे में शाम के वक़्त एक आदमी घंटी बजाता घूम रहा है। यही होता है एक डाइरेक्टर का काम। रायटर ने लिख दिया, अब उसे इस तरह फ़िल्माना है कि देखने वाला नज़र न हटा सके। लिखने में ये एक लाइन है कि “एक आदमी पूरे तों में एक घंटी बजाता घूम रहा है” पर इसे किस तरह दिखाया जाए कि उस दिखाने में ही बहुत कुछ समझ आ जाए, यही एक निर्देशक का काम है।

“From” कहानी है एक कस्बे की जहां रहने वाले सभी लोग वहाँ फंसे हुए हैं, पर वहाँ का निवासी कोई नहीं है। एक परिवार जिसमें माँ-बाप, एक लड़की और एक लड़का हैं। अपनी वेन से कहीं जा रहे हैं। रास्ते में एक बड़ा पेड़ गिरा हुआ है जिससे रोड ब्लॉक हो गई है। वो लोग दूसरा रास्ता लेते हैं। आगे एक कस्बा आता है, वे लोग उसे पार करके आगे निकल जाते हैं। सीधे ही रास्ते जा रहे हैं मगर फिर से वही कस्बा आ जाता है, कस्बे के लोग उन्हें ध्यान से देख रहे हैं। उन्हें लगता है शायद कुछ मिस्टेक हो गई और वापस वहीं पहुँच गए, वे किसी से हाइ वे का रास्ता पूछते हैं, वो उन्हें सीधे जाने को कहता है। वे सीधे ही जाते हैं और फिर से वही कस्बा आ जाता है। इस बार वे घबरा जाते हैं, फिर एक बार तेज़ी से निकलते हैं और आगे जाकर एक कार से टकरा कर उनकी वेन पलट जाती है। उन्हें टाउन में लाया जाता है। वहाँ पता चलता है कि वहाँ रहने वाले सभी लोग इसी तरह वहाँ पहुंचे हैं। सभी को वो पेड़ मिला है और फिर ये टाउन। अब वहाँ से निकलने का कोई रास्ता नहीं है। सिर्फ यहीं बात ख़त्म नहीं होती। रात होते ही वहाँ ऐसे प्राणी आते हैं जो इन्हें खाने लगते हैं। उनसे बचकर भी रहना है। यहाँ आने वालों में हर तरह के लोग हैं। कुछ लोगों में लीडरशिप क्वालिटी होती है, वैसे लोग अपने आप किसी भी ग्रुप का नेतृत्व करने लगते हैं। Boyd ऐसा ही एक आदमी है जो कभी एयर फोर्स में रह चुका था। वो सबकी ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ले लेता है। वही नियम बनाता है जिससे सभी लोग जब तक वहाँ हैं तब तक बिना अव्यवस्था के रह सकें। किसी तरह का झगड़ा न हो, सबको प्राइवसी भी मिले, कोई हादसा न हो, जो भी राशन है उसकी लूटपाट न मचे, ऐसी एक पर्फेक्ट व्यवस्था वो बनाता है। डोना भी ऐसी ही एक और लीडर है पर उसका फलसफ़ा Boyd से अलग है। जो कुछ हुआ उससे उसे लगता है कि ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं, तो क्यों न जितना जियेँ खुल के जिये, वो एक ही बड़े से घर में अपना commune जैसा बना लेती है। वहाँ वो लोग रहते हैं जो डोना के समर्थक हैं और वहीं पर खाते-पीते और जो मर्ज़ी आए वो करते हैं। जबकि Boyd से इत्तेफाक़ रखने वाले लोगों को Boyd एक-एक घर allot कर देता है। क्योंकि वहाँ बहुत सारे खाली घर हैं। Boyd ही है जो रोज़ शाम को घंटी लेकर निकलता है जो संकेत है सभी लोगों के लिए अपने-अपने घरों में बंद हो जाने का, क्योंकि वो अब शेरिफ़ है वहाँ का। अगला दिन देख पाएंगे या नहीं ये किसी को नहीं पता, हर रात जैसे आखिरी रात होती है। ऐसे में Boyd को जंगल से ऐसा एक पत्थर मिलता है जिसके होने से वो शैतान पास नहीं आते। वो हर घर में वैसा पत्थर लगवा देता है जिससे शैतानों का घरों में घुसना बंद हो जाता है लेकिन फिर भी वे इंसानी रूप धर कर किसी न किसी को फुसलाकर उसका काम तमाम कर देते हैं।

विक्टर ही एक ऐसा आदमी है जो वहाँ सबसे पुराना आदमी है, वो जब बच्चा था, तब से वहाँ है। उसे एक सफ़ेद कपड़ों वाला बच्चा दिखाई देता है हमेशा, जो उसे बचने के रास्ते बताता रहता है।

इन सभी लोगों के आपसी clashes, बचने की जद्दोजहद, वहाँ से निकलने की कोशिशें और नए लोगों का आते रहना...और फिर उनके साथ आने वाली मुश्किलें, यही होता है कहानी में पर हर मोड़ इतना दिलचस्प है कि आगे क्या है ये देखे बिना आपको चैन नहीं पड़ता। 

मैं उन सभी लोगों पर केस करना चाहता हूँ जो हमारी भावनाओं को इस बुरी तरह उद्वेलित करके उन्हें मझदार में छोड़ देते हैं, फ़िर आते हैं आगे कुछ बताने और बिना पूरा बताए फ़िर चले जाते हैं। 

फ्रॉम का पहला सीज़न मैंने तब देखा जब सारे episodes उपलब्ध थे और अगला सीज़न तीन महीनों बाद ही आने वाला था। हालाँकि जिस स्तर की उत्कंठा उसने जगाई थी, उसे देखते हुए तीन महीने भी बहुत थे। कहानी ऐसी है कि उसका अंत जाने बिना प्राण भी न छूटें। दूसरे सीज़न के एक-एक एपिसोड को हफ़्ते-हफ़्ते का इंतज़ार करके देखा। 

पिछली बार कहानी खत्म हुई थी बॉयड के कहीं फँसे होने और एक नई बस के कस्बे में आने पर। 

इस बस में  नए लोग आए हैं जो ज़ाहिर है कि अब यहीं रहेंगे। और लोगों का मतलब संसाधनों का और बंटवारा, और मौतें, और ज्यादा तनाव, और ज्यादा विवाद। इस बस में एक लड़की है जो यहाँ रहने वाली डॉक्टर की गर्लफ्रेंड थी उस सामान्य दुनिया में और डॉक्टर के गायब हो जाने के बाद ड्रुग अडिक्ट हो गई थी। जगह अपने नियम बदल रही है। ऐसी नई नई चीजें होती हैं कि उलझनें और बढ़ती जाती हैं और लोगों की वहाँ से वापस निकल पाने की उम्मीदें क्षीण होने लगती हैं। 

पहले सीज़न में कोई भी मिनट ऐसा नहीं था जो आपको बांधे न रखे पर इस सीज़न में ऐसे कुछ टुकड़े आए हैं जो engaging नहीं हैं। खास तौर पर लेस्बियन ट्रैक डॉक्टर और उसकी फ्रेंड का। रिश्ता दिखाया जा सकता है, कोई बुराई नहीं लेकिन समलैंगिक रिश्तों को बेवजह खीच कर दिखाना मुझ में चिढ़ पैदा करता है। मैंने उन दोनों के सीन बढ़ाकर देखे। कहानी अपने लक्ष्य की तरफ कम आगे बढ़ी, इस बार बातें ज़्यादा हुईं। 

दसवाँ एपिसोड बहुत दिलचस्प था। लेकिन जैसा मैंने कहा, हमें फिर प्यासा छोड़ कर खत्म हो गया और ऐसी जगह छोड़ा है कि नए सवाल पैदा हो गए। 

उस समय पता चला था अगला सीज़न 2024 की गर्मियों में ही आएगा, मुझे ग़ालिब का शेर याद आ गया, "कौन जीता है तेरी जुल्फ के सर होने तक"। तब तक बहुत कुछ भूल चुके होंगे। पर गर्मियों में पता चला कि लेट हो गया है, और अब सितंबर तक आएगा। ख़ैर अब किया ही क्या जा सकता है सिवाय इंतज़ार के। 

सिरीज़ इंडिया में किसी भी ओटीटी पर नहीं है। यूएस में epix पर है।

#FromSeries #MGM+ #Epix

#From #Series #WebSeries #Epic #Horror #Thrillar

टिप्पणियाँ