अपने एक मित्र की पोस्ट नहीं पढ़ता तो शायद कभी इसे चलाकर भी नहीं देखता। क्योंकि पारिवारिक के नाम पर या तो वाहियात कहानियाँ बनती हैं या बचकानी। वैसे तो अब कम ही बनती हैं। मुझे तो गुल्लक भी पसंद नहीं आई।
पर इस सिरीज़ ने इतना कुछ दिया है कि मैं अभी लिखने में डर रहा हूँ कि शायद सब कुछ न लिख पाऊँ। ये भावनाओं की भूल-भुलैया है, कब आप मुसकुराते हैं, कब अचानक ठहाका निकल पड़ता है और कब आँखों में आँसू आ जाते हैं, पता ही नहीं चलता।
कौन हैं ये लोग? कहाँ से आते हैं? जो आज भी ऐसा कुछ लिखने और बनाने की हिम्मत और प्रतिभा रखते हैं। और सोनी लिव की जितनी तारीफ़ की जाये कम है। कंटैंट चुनने के मामले में सबसे अलग और सबसे sensitive चैनल है। मैं ख़ुद इस कंटैंट के जंगल में भटक रहा हूँ। यहाँ “कुछ अलग” की बातें सब करते हैं लेकिन कुछ अलग चाहिए नहीं होता है किसी को। आप कहानी लेकर जाइए, उन्हें वही मर्डर, साइको जैसी तमाम चीज़ें चाहिए। आप कोई दिल को छूने वाली sensitive कहानी कहना चाहते हैं तो कोई हाथ नहीं रखेगा। पर सोनी ने अपनी ये एक अलग पहचान बनाई है। स्कैम 92, स्कैम 2003, गुल्लक, महारानी वगैरह, ये सब जो नाम हैं वे शायद और कोई ott रिजैक्ट ही कर देता। कम से कम “रात जवान है” को तो कोई नहीं लेता।
यार, मैं उतना नहीं लिख पाऊँगा जितना मन में चल रहा है, बस एक ही बात लिखूंगा, कि बच्चों और parenting को लेकर पहली बार कोई कायदे की कहानी आई है। कई सालों पहले मैंने डे केयर सेंटर पर एक शॉर्ट फिल्म प्लान की थी और कुछ centers देख कर भी आया था। मुझे दया आई थी उन बच्चों पर। माँ-बाप होते हुए अनाथ लगे। ये सिरीज़ बहुत ही सटल तरीके से फेमिनिस्म, relationship, परेंटिंग, और दोस्ती पर बिलकुल नया और बहुत ही सही नज़रिया देती है। कॉमेडी सच में बहुत evolve हो गई है, बहुत ही अपर लैवल की कॉमेडी है,
और बिल्कुल एफर्टलेस। जिन लोगों के बच्चे हैं, वे तो फौरन कनेक्ट कर लेंगे इससे।
Superb writing, top-notch acting, and amazing characterization. आप देखो बस।
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